बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कही भारी बारिश तो कही कामचलाउ पानी गिर रहा है। गौरेला पेंड्रा इलाके में हुई अच्छी बारिश का प्रभाव अरपा नदी में देखने को मिल रहा है।हालांकि इस नदी पर बड़ा बैराज बना होने के कारण शहर में पानी नहीं पहुंचा है।
अरपा भैंसाझार बांध में 80 फीसदी पानी भरने के बाद शुक्रवार सुबह दो गेट खोल दिए गए। 14 क्यूमेक पानी छोड़े जाने से शहर के अंदर इस पानी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं दिखेगा। प्यासी नदी में इतना पानी बहुत ज्यादा नहीं माना जाता है। अरपा नदी में पानी का प्रवाह दिख सकता है मगर खतरे जैसी कोई बड़ी बात नहीं होगी। नदी में जलस्तर भी बढ़ने की कोई बड़ी संभावना नहीं है। जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होगी। हालांकि फिर भी मानसून और बारिश को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने परियोजना के नीचे अरपा नदी के आसपास रहने वाले सभी लोगों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि अरपा भैंसाझार बैराज परियोजना के जल ग्रहण क्षेत्र में गत दो-तीन दिनों से लगातार वर्षा हो रही है, जिसके फलस्वरूप बैराज के जल भराव में लगातार वृद्धि हो रही है। बैराज की सुरक्षा के लिए सुबह अरपा नदी में पानी छोड़ दिया गया। जिसको ध्यान रखते हुए जल संसाधन विभाग ने आगाह किया है कि नदी किनारे बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल संपत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जाने। बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान ठेकेदार, औद्योगिक ईकाईयों, संस्थानों, निवासरत आम जनता, ग्रामवासी, नदी में कार्यरत निर्माण ऐजेन्सी आदि सभी को सूचित किया है कि नदी के जल प्रवाह को दृष्टिगत रखते हुए अपनी परिसम्पत्तियों, सामग्री, वाहन मशीनरी आदि को बाढ़ क्षेत्र से बाहर सुरक्षित कर लें, ताकि कोई क्षति न हो। अन्यथा बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेदार नहीं होगा।