बिलासपुर। कोविड-19 जैसी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सिम्स अस्पताल ने गुरुवार को मॉकड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास के दौरान मरीज के आने से लेकर इलाज और जांच तक की सभी प्रक्रिया को बेहद अनुशासित और समन्वय के साथ अंजाम दिया गया।
यह मॉकड्रिल सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अर्चना सिंह और कोविड नोडल अधिकारी डॉ. भूपेन्द्र कश्यप के निर्देशन में की गई। केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि किसी भी संभावित लहर से पहले तैयारी पूरी हो।
अभ्यास के तहत एक मरीज को कोविड के लक्षणों जैसे सांस लेने में तकलीफ, खांसी-जुकाम, बुखार, लूज मोशन, गंध महसूस न होना और शरीर में जकड़न के साथ अस्पताल लाया गया। मरीज को तुरंत स्ट्रेचर पर लिटाया गया, ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया और फौरन वार्ड में शिफ्ट किया गया।
मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने मरीज के वाइटल साइन (ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल) की जांच की और उसकी चेतना की स्थिति का मूल्यांकन किया। नाक व गले से सैंपल लेकर जांच के लिए वायरोलॉजी विभाग भेजा गया और साथ ही आईवी लाइन के जरिए जरूरी दवाएं दी गईं।
पूरे अभ्यास में अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों, लैब टेक्नीशियन और वार्ड स्टाफ ने मिलकर बेहतरीन टीमवर्क दिखाया। मॉकड्रिल में डॉ. सुनील कुमार पेंड्रो, डॉ. आद्या सिंगरौल, कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ. स्वाती कुमार, सहायक नर्सिंग अधीक्षक सरिता बहादुर, नर्सिंग सिस्टर पुष्पलता शर्मा, कंचन चौबे, शिरोमणि नायक, लैब टेक्नीशियन गोल्डन काशी, वार्ड ब्वॉय संजय श्रीवास, मुकेश भोई, मणी श्रीवास, गोविंद और सलीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा कि “यह मॉकड्रिल हमारे स्टाफ की तत्परता और समन्वय की परीक्षा थी। हमारी कोशिश है कि भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य आपदा की स्थिति में हम पूरी तरह से तैयार रहें।”