17.8 C
New York
Saturday, June 14, 2025

Buy now

नफरत की राजनीति की जनक भारतीय जनता पार्टी, हिंसक विचारधारा को मार्क्सवादी पार्टी समर्थन नहीं करती…..कामरेड वकील भारती

बिलासपुर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का 24 वीं पार्टी कांग्रेस जिसे माकपा की अखिल भारतीय महाधिवेशन भी कह सकते हैं, 2 से 6 अप्रैल तमिलनाडु के सांस्कृतिक राजधानी मदुरई में इस उ‌द्घोष के साथ कि “पूंजीवाद का एक ही विकल्प समाजवाद” और “एकता एवं सुदृढ़ीकरण” का महा अधिवेशन के साथ संपन्न हुआ। मदुरई सम्मेलन से वापस लौटे कामरेड वकील भारती और रंगा वेणी ने बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा की। इस मौके पर उनके साथ सीपीएम जिला सचिव सुखाऊ निषाद, कामरेड सैय्यद शौकत अली भी मौजूद रहे।

उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि मदुरई में माकपा का यह महा अधिवेशन ऐसे समय में हो हुआ जब अमेरिका से लेकर यूरोप के कई देशों में यहां तक कि हमारे देश में भी दक्षिण पंथ का बोलबाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जहां दुनिया भर में टैरिफ युद्ध छेड़े हुए हैं और दुनिया को व्यापार युद्ध में झोंक देना चाहते हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध की तपिश दुनिया भर के देश को झेलना पड़ रहा है वही इजरायल अमेरिका की मदद से फिलिस्तीन के गाजा में लगातार बम वर्षा कर उसके अस्तित्व को ही नष्ट कर देना चाहता है। ऐसे समय में हमारे देश की केंद्र सरकार स्पष्ट रूप से फिलीस्तीन राष्ट्र के पक्ष में नहीं खड़ा है। अब तक वहां 47000 से ज्यादा लोगों की मौत इसराइली हमले से हो गया है जिसमें 60% से ज्यादा औरतें और बच्चे शामिल हैं। इजरायल द्वारा किए जा रहे हमले गाजा से बढ़कर यमन, सीरिया तक बढ़ गया है। इससे दुनिया भर में अशांति व भय का वातावरण फैला हुआ है। हमारी पार्टी की 24वें महा अधिवेशन ने इस पर गंभीरता से बहस किया कि किस तरह दुनिया भर के देशों में यहां तक कि विकसित कहे जाने वाले देश यथा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली आदि देशों में असमानताएं गरीबी भुखमरी बेरोजगारी और कुपोषण की समस्याएं तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त गरीब, पीड़ित, दलित, बेरोजगार,और जवानो को संगठित करके संविधान और भाईचारा पर हमला करने वालों को रोकना होगा। जब तक कम्युनिस्ट आंदोलन मजबूत नहीं होगा तब तक धर्मनिरपेक्षता को रोका नहीं जा सकता।देश के हित में धर्म की राजनीति ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति की जनक भारतीय जनता पार्टी है और उनकी वामपंथी पार्टी हिंसक विचारधारा को समर्थन नहीं करती है। वक्ताओं ने कहा की इंडिया ब्लॉक ने मोदी के एनडीए गठबंधन को रोकने का काम किया है। इस वक्त भाजपा बहुमत में नहीं है उसके बाद भी उनकी सरकार चल रही है पहले भाजपा के नेता भाजपा की बात किया करते थे मगर अब एनडीए की बात करते हैं। दुनिया भर में करीब 70 करोड लोग घर गरीबी में जीवन जीने को मजबूर हैं जो 2.15 डॉलर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन होते से भी कम में गुजर कर रहे हैं। 2023 तक विश्व की आबादी का करीब 46% या तीन अरब से ज्यादा लोग 6.85 डॉलर प्रतिदिन की वैश्विक गरीबों की रेखा के नीचे जी रहे हैं। विकसित दुनिया और ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों के बीच का अंतर 25 साल में और ज्यादा बढ़ गया है। 2023 में विश्व आबादी का 10.7 प्रतिशत यानी 86.41 करोड़ लोग गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षा की चपेट में है। भूख के मारे लोगों में करीब 60 फीसद हिस्सा महिलाओं और बालिकाओं का है। बेरोजगारी का वैश्विक दर 5% के करीब है। 2024 में 20 लाख अतिरिक्त मजदूरों का काम छिन गया है। युवाओं की बेरोजगारी की वैश्विक दर 2023 में 13 फीसद यानी 6 करोड़ 49 लाख थी। दुनिया भर में 2.7% यानी 66 करोड लोग जबरिया मजदूरी कर रहे हैं। जबरिया मजदूरी का 86 फीसद निजी क्षेत्र में है। जलवायु संकट भी वैश्विक असमानता में योगदान दे रहा है।

दुनिया के सबसे धनी एक फीसद के हाथों में मानवता की 95 फीसद से ज्यादा संपदा है। 2020 से दुनिया के सबसे धनी एक फीसद ने सारी नई संपदा के दो तिहाई पर कब्जा कर लिया है यानी विश्व आबादी का 99% के हाथ में धन के मुकाबले लगभग दोगुनी पर दुनिया में अरबपतियों की दौलत प्रतिदिन 2. 7 अरब डॉलर बढ़ रहा है जबकि मुद्रास्फीति ने कम से कम 1.7 अरब मजदूरों की मजदूरी छीन लिया है। इजारेदारियों की इस बढ़ती ताकत का इस्तेमाल लॉबिंग करने, राजनीतिक चंदा देने, कानूनी चुनौतियां देने, मीडिया नियंत्रण तथा निवेश रोकने की धमकियां देने के लिए, नव उदारवादी नीतियां अपनाने के लिए, सरकार की नीतियों को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। सरकारें कॉरपोरेट करो को घटाने, श्रम के लिए संरक्षण को कमजोर करने, सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण करने और कटौतियों के कदम थोपने के लिए कॉर्पोरेट स्वार्थों की हिफाजत करती है। नव उदारवादी नीतियां न सिर्फ आर्थिक असमानता बढ़ाती है बल्कि जनतांत्रिक संस्थाओं को भी कमजोर करती है। इन तमाम वैश्विक समस्याएं हमारे देश में भी देखने को मिलती है। दुनिया भर के देश और हमारे देश में भी इन नीतियों के खिलाफ जन प्रतिरोध तेजी से बढ़ रहा है। इसे भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ग्रीस, पुर्तगाल, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, केन्या, श्री लंका बांग्लादेश, तथा पाकिस्तान में देखा जा सकता है। उक्त समस्याओं को हल कर पाने में दुनिया भर के अलग-अलग राष्ट्र के असमर्थ शासक वर्ग मजदूर किसान व आम जनता पर हमले तेज कर दिए हैं और दुनिया भर में युद्ध की आग भड़का रहे हैं।

समाजवादी देश चीन, वियतनाम, क्यूबा, उत्तर कोरिया लाओस में तेजी से विकास हो रहा है। कोलंबिया, मेक्सिको ब्राज़ील, श्रीलंका तथा उरुग्वे में प्रगतिशील ताकतें चुनाव जीतने में समर्थ हुई है।

पार्टी कांग्रेस का मानना है की हमारे देश में आर्थिक मंदी बढ़ रही है, कारपोरेट लूट जारी है। सांप्रदायिक कॉर्पोरेट गठजोड़ मजबूत हुआ है। असमानता बढ़ी है, कृषि संकट देश में गहरा रहा है, मजदूरों का शोषण बढ़ रहा है बढ़ती महंगाई बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी से जनता की हालत दिन-ब-दिन खराब हो रही है। इन समस्याओं को हल कर पाने में असमर्थ हमारे देश का शासक वर्ग देश में तानाशाही, सांप्रदायिकता, नव फासीवाद के रास्ते में चल रही है। संविधान, संघवाद और जनता के मौलिक अधिकारों पर लगातार हमले कर रही है। चुनाव आयोग और तमाम स्वायत्त सरकारी एजेंसियों का बेजा दुरुपयोग किया जा रहा है। मणिपुर में आम जनता के बीच तीव्र विभाजन को डबल इंजन की सरकार बढ़ावा दे रही है। भाजपा की यह डबल इंजन की सरकार कानून के राज को ध्वस्त कर बुलडोजर का राज स्थापित करने में लगी हुई है। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण किया जा रहा है। दलित, आदिवासी एवं महिलाओं पर हमले निरंतर जारी है। अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमले किये जा रहे हैं। इन तमाम मुद्दों को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) संघर्ष को और मजबूत करेगी। वामपंथी जनवादी धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ और ज्यादा मजबूत रिश्ता कायम कर संविधान, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद की रक्षा के लिए आम जनता की दैनंदिन समस्याओं को लेकर संघर्ष तेज करेगी। इंडिया ब्लॉक को और मजबूत करने के लिए काम करेगी। संसद और संसद के बाहर और ज्यादा एक जुटता के साथ आम जनता के अधिकारों के लिए इंडिया ब्लॉक के संघर्षों को तेज किया जाएगा। देश में बढ़ रहे नव उदारवादी आर्थिक नीतियों, हिंदुत्व वादी सांप्रदायिकता, जनतंत्र पर तानाशाही पूर्ण हमले और नव फासीवादी ताकतों के खिलाफ संघर्षों को और तेज किया जाएगा इसके साथ ही भूमि, भोजन, मजदूरी, आवास के लिए जमीन, सामाजिक सुरक्षा लाभों तथा रोजगार के अवसरों के मुद्दों पर ग्रामीण गरीबों मजदूर वर्ग तथा शहरी गरीबों के संघर्ष को और ज्यादा विकसित किया जाएगा साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष को और तेज किया जाएगा।

20 मई को देशभर के सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के असंगठित मजदूरों द्वारा श्रम संहिताओं के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन मा क पा के 24 वे महाधिवेशन में प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव सहित 19 प्रस्ताव पार्टी कांग्रेस में पारित किए गए हैं।

माकपा के इस 24 वें कांग्रेस में 85 सदस्यीय नई केंद्रीय समिति और 18 सदस्यीय पोलिट ब्यूरो और 6 सदस्यीय केंद्रीय कंट्रोल कमीशन का चुनाव किया गया। 85 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी के महासचिव कामरेड एम ए बेबी चुने गए। सभी चुनाव सर्वसम्मति से किया गया। पार्टी कांग्रेस के समापन के बाद 25 000 रेड वॉलिंटियर के नेतृत्व में लाखों लोगों की विशाल व भव्य रैली के बाद हुई आम सभा को संबोधित करते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नवनिर्वाचित महासचिव कामरेड एम ए बेबी ने कहा हमारा यह 24 वाँ पार्टी महा अधिवेशन एकता व सुदृढीकरण का महा अधिवेशन है। उन्होंने कहा कि पार्टी कांग्रेस द्वारा सभी मुद्दों को लेकर देश भर में संघर्ष तेज करेंगे। उन्होंने लाल झंडे के बढ़ते दायरे को रेखांकित करते हुए कहा की “दुनिया की 25 फीसदी आबादी या तो सीधे लाल झंडे के तहत है या फिर इस दिशा में आगे बढ़ रही है ” इसी को आगे बढ़ाते हुए मा क पा नेत्री कामरेड वृंदा करात ने कहा कि “यह लाल झंडा बलिदान का झंडा है यह संघर्ष का झंडा है और जनता की सेवा का झंडा है।”

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

Home
Contact
Wtsp
Search