बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर की होनहार शोधार्थी डॉ. अनुष्का आतरम को सामाजिक कार्य विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
डॉ. आतरम ने “महिलाएं और डायन प्रथा: छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम, 2005 का एक अध्ययन” विषय पर शोध कार्य किया, जो सामाजिक कार्य विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्चना यादव के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डायन प्रताड़ना का शिकार हुई महिलाओं की सामाजिक स्थिति, कानूनी संरक्षण, मानवीय पीड़ा और प्रशासनिक प्रयासों का गहन विश्लेषण किया। यह शोध सामाजिक न्याय और महिला अधिकारों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जा रहा है।

शैक्षणिक उपलब्धियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए डॉ. आतरम ने यूजीसी-नेट (सामाजिक कार्य) और राज्य पात्रता परीक्षा-SET (समाजशास्त्र) भी उत्तीर्ण की है। वर्तमान में वे शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर (जगदलपुर) में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
अपनी सफलता का श्रेय डॉ. आतरम ने अपने माता-पिता श्रीमती शुभिका आतरम और श्री वेंकटेश्वर आतरम, शोध-निर्देशक, वरिष्ठजनों और सहयोगियों को दिया। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार, सहकर्मी, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल उनके कठोर परिश्रम का परिणाम है, बल्कि समाज में महिला अधिकारों के लिए एक सशक्त शोध पहल का प्रतीक भी है

