बिलासपुर। बिलासपुर में इलेक्ट्रिक ऑटो की शुरुआत से एक ओर जहां बेरोजगारों को रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मुख्य चौक-चौराहों पर जैसे पुराना बस स्टैंड, नेहरू चौक, शनिचरी बाजार, सिम्स रोड और बिलासा चौक पर ई-ऑटो चालकों की मनमानी हावी हो चुकी है।
सड़कों के किनारे नहीं बल्कि बीच सड़क पर ऑटो खड़े कर सवारियों के इंतजार में डेरा डालना आम बात हो गई है, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 10-10 रुपये की सवारी के चक्कर में ऑटो चालक ट्रैफिक की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं, जिससे शहर के कई इलाकों में बेवजह जाम की स्थिति बन रही है। हर दिन हजारों लोग इस ट्रैफिक अव्यवस्था से जूझ रहे हैं, पर ट्रैफिक विभाग, क्षेत्रीय पुलिस और आईटीएमएस जैसे आधुनिक सिस्टम के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। आईटीएमएस के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए, पर अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो इसका औचित्य क्या है? जनता सवाल पूछ रही है कि जब ट्रैफिक सुधारने के लिए सिस्टम और अमला दोनों मौजूद हैं, फिर शहर में जाम क्यों? क्या प्रशासन तब जागेगा जब हालात और बिगड़ जाएंगे? शहरवासी अब निर्बाध और सुरक्षित आवागमन की उम्मीद कर रहे हैं, जो फिलहाल एक सपना बनकर रह गया है।