बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तंवर समाज द्वारा एक पुलिस अधिकारी और उनके परिवार के सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया है। वजह है DSP मेखलेंद्र प्रताप सिंह द्वारा अंतरजातीय विवाह करना। समाज के पदाधिकारियों ने इस विवाह को अपने नियमों के खिलाफ बताते हुए बैठक कर पूरे परिवार को समाज से अलग करने का फरमान सुना दिया। अब इस मामले में पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
दरअसल, ग्राम नुनेरा निवासी डॉ. मेखलेंद्र प्रताप सिंह पुलिस विभाग में DSP के पद पर कार्यरत हैं और वर्तमान में सरगुजा संभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने सरगुजा जिले की नान दमाली निवासी एक युवती से शादी की है। शादी के बाद तंवर समाज के लोगों ने इस विवाह को समाज की परंपरा के विरुद्ध बताते हुए न केवल उन्हें बल्कि उनके भाई-बहनों को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया।
सतगढ़ तंवर समाज ने बाकायदा बैठक बुलाकर डॉ. सिंह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। समाज की अपनी दंड विधान नियमावली है, जिसमें पृष्ठ क्रमांक 5 पर अंतरजातीय विवाह को सामाजिक अपराध माना गया है। इसी आधार पर समाज के अध्यक्ष और कार्यकारिणी ने 28 अप्रैल 2025 को पत्र जारी कर उनके परिवार को समाज से बाहर करने का निर्णय लिया। यही नहीं, शादी समारोह में शामिल होने वाले समाज के अन्य सदस्यों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
डॉ. सिंह के परिजनों ने जब इस फैसले का विरोध किया, तो उन्हें गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई। परिजनों का आरोप है कि यह सब समाज के प्रमुख पदाधिकारियों की शह पर हुआ। इस मामले की शिकायत कोटा थाना में दर्ज कराई गई, जिसके बाद पुलिस ने समाज के अध्यक्ष मनोहन प्रताप सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों पर केस दर्ज कर लिया है।