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Tuesday, December 16, 2025

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लूतरा शरीफ उर्स में कव्वाली की रंगीन रात, मुजतबा अजीज नाज़ा और इरशाद दिलशाद ने बांधा समां..

प्रवचनकर्ता अमीनुल कादरी ने दी शिक्षा, इंसानियत और समाज सुधार की प्रेरणा..

बारिश के बावजूद उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, दरगाह परिसर में गूंजती रही सूफियाना महफिल..

बिलासपुर। सीपत के पास स्थित ग्राम लूतरा में सूफी संत हजरत बाबा सैय्यद इंसान अली शाह रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स पूरे जोश और रूहानियत के माहौल में मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए जायरीन दरगाह पहुंचकर बाबा सरकार के प्रति अपनी अकीदत पेश कर रहे हैं।

शुक्रवार की रात दरगाह परिसर में मालेगांव (महाराष्ट्र) से आए मशहूर प्रवचनकर्ता सैय्यद अमीनुल कादरी ने लोगों को समाज सुधार, शिक्षा और इंसानियत का संदेश दिया। उन्होंने कहा – बच्चों के हाथ में हथियार नहीं, कलम होना चाहिए। ताकि वे पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बनें और समाज को सही दिशा दें। उन्होंने लोगों से ईमानदारी, सादगी और गरीब बच्चों की शिक्षा में सहयोग करने की अपील की।

शनिवार को तेज बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। मैदान खराब होने के कारण कव्वाली कार्यक्रम दरगाह परिसर में आयोजित किया गया। प्रसिद्ध कव्वाल मुजतबा अजीज नाज़ा और इरशाद दिलशाद ने अपनी जादुई आवाज़ से ऐसा समां बांधा कि लोग पूरी रात सूफियाना कलामों पर झूमते रहे।

रातभर चली इस महफिल में श्रोता इतने मग्न रहे कि कब सुबह हो गई, किसी को एहसास ही नहीं हुआ। उर्स आयोजन में कमेटी के अध्यक्ष इरशाद अली, उपाध्यक्ष मोहम्मद सिराज, सचिव रियाज अशरफी, कोषाध्यक्ष रोशन खान सहित सभी पदाधिकारियों, ग्राम पंचायत, व्यापारी संघ और प्रशासन का विशेष सहयोग रहा।

 

शनिवार की रात उर्स के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। ढोल-नगाड़ों और मन्नती चादरों के साथ लोग बाबा सरकार की मजार पर हाजिरी लगाने पहुंचे। रविवार को चौथे दिन देश-दुनिया में अमन और शांति की दुआ (कुल की फातिहा) के साथ इस सालाना उर्स का समापन होगा।

 

 

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