बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर द्वारा आयोजित 7 दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) शिविर में धार्मिक भावना आहत करने का मामला सामने आया है। ग्राम शिवतराई (थाना कोटा) में 26 मार्च 2025 से 1 अप्रैल 2025 तक चले इस शिविर में, 31 मार्च 2025 को कुछ लोगों द्वारा शिविर स्थल पर नमाज पढ़वाई गई, जिससे शिविर में शामिल कुछ छात्रों ने धार्मिक भावनाएं आहत होने की लिखित शिकायत कोनी थाने में दर्ज कराई थी।
छात्रों के आवेदन और शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय से जुड़े कई शिक्षकों और एक छात्र नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रो. दिलीप झा,डॉ. मधुलिका सिंह,डॉ. ज्योति वर्मा,डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव,डॉ.सूर्यभान सिंह,डॉ. बसंत कुमार के अलावा टीम कोर लीडर छात्र आयुष्मान चौधरी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 196(ख),197(1)(ख) (ग), 299, 302, 190 तथा छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। यह मामला थाना कोटा क्षेत्रांर्गत घटित हुआ है, इसलिए विवेचना
के लिए अपराध की मूल डायरी थाना कोटा स्थानांतरित कर दी गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल विवेचना प्रारंभ कर दी है! एनएसएस शिविरों का मुख्य उदे्य छात्रों में सेवा भावना,राष्ट्रीय एकता, और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना होता है। ऐसे कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि या
किसी धर्म विशेष के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना सामान्यत: वर्जित होता है।शिविर में नमाज पढ़वाने की
घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की जमकर किरकिरी कराई है। इधर पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के साथ समाज के विभिन्न वगों में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।पुलिस द्वारा मामले की जांच गहनता से की जा रही है। जांच के उपरांत आवश्यकतानुसार संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध आगे की वैधानिक कार्यवाही की जा“एगी। साथ ही,विश्वविद्यालय प्रशासन भी आंतरिक जांच कर रहा है और यदिदोष सिद्ध होते हैं, तो शैक्षणिक स्तर पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।