बिलासपुर। किसी भी संस्था में गैर अनुभवी अधिकारी की पदस्थापना उस संस्था के लिए अच्छा नहीं होता है। कुछ यही हाल एसईसीएल का भी है। यहां भी पता नहीं क्या सोचकर जनसंपर्क अधिकारी निर्णय ले रहे हैं। पिछले कुछ समय से यहां अधिकारी चेहरा देखकर पत्रकारों को किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित करते हैं। एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) द्वारा एक बार फिर सीमित पत्रकारों के साथ गुप्त प्रेसवार्ता आयोजित करने की खबर सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से एसईसीएल मुख्यालय द्वारा पत्रकारों को बुलाकर किसी विशेष विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाती है, जबकि शहर के अन्य पत्रकारों को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती।
इस बार भी ऐसी ही एक प्रेसवार्ता हुई, जिसमें कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों को ही आमंत्रित किया गया। इससे नाराज पत्रकारों के एक बड़े वर्ग ने इसे “गुप्त प्रेसवार्ता” की संज्ञा दी है। उनका कहना है कि एसईसीएल का यह रवैया पत्रकारिता की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि यदि किसी भी सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था को मीडिया से संवाद करना है, तो उसे सभी accredited या सक्रिय पत्रकारों को समान रूप से आमंत्रित करना चाहिए। कुछ चुनिंदा पत्रकारों को बुलाकर की गई वार्ता न केवल पक्षपात को दर्शाती है, बल्कि यह संस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है।
वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि यह सिलसिला अब आम होता जा रहा है, जो कि मीडिया की एकता और लोकतांत्रिक संवाद प्रक्रिया के लिए खतरे की घंटी है। पत्रकार संघों ने इस विषय पर जल्द ही एक बैठक बुलाकर एसईसीएल, कोल इंडिया और पीएम ऑफिस को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है।